काव्य: Difference between revisions

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==खँग्वःयागु उत्पत्ति व छ्येलेज्या==
थ्व खँग्वयागु छ्येलेज्या दक्ले न्ह्य संस्कृतय् जुगु ख। लिपा थ्व खँग्वयागु [[तत्सम खँग्व]]या रुपे यक्व भासे, यक्व कथलं छ्येलेज्या जुल।
 
==काव्यलक्षण==
संस्कृतया साहित्यशास्त्रितेसं 'काव्यया लक्षण' वर्णन यानातःगु दु गुकिलि छुं थ्व कथं दु:
#"संक्षेपात् वाक्यमिष्टार्थव्यवच्छिन्ना, पदावली काव्यम्" ([[अग्नि पुराण]]);
#"शरीरं तावदिष्टार्थव्यवच्छिन्ना पदावली" ([[दंडी]])
#"ननु शब्दार्थों कायम्" ([[रुद्रट]]);
#"काव्य शब्दोयं गुणलंकार संस्कृतयो: शब्दार्थयोर्वर्तते" ([[वामन]]);
#"शब्दार्थशरीरम् तावत् काव्यम्" ([[आचार्य आनन्दवर्धन|आनन्दवर्धन]]);
#"निर्दोषं गुणवत् काव्यं अलंकारैरलंकृतम् रसान्तितम्" ([[भोजराज]]);
#"तददोषौ शब्दार्थों सगुणावनलंकृती पुन: क्वापि" ([[मम्मट]])
#"गुणालंकाररीतिरससहितौ दोषरहिती शब्दार्थों काव्यम्" ([[वाग्भट]]);
#"निर्दोषा लक्षणवी सरीतिर्गुणभूषिता, सालंकाररसानेकवृत्तिर्भाक् काव्यशब्दभाक्" ([[जयदेव]]);
#"काव्यं रसादिमद् वाक्यम् श्रुर्त सुखविशेषकृत्" ([[आचार्य शौद्धोदनि]])
# "वाक्यम् रसात्मकम् काव्यम्" ([[विश्वनाथ]])
# "गुणवदलङकृतञ्च काव्यम्" ([[राजशेखर]])
 
==स्वया दिसँ==