सुत्तविभंग बुद्ध धर्मया तिपिटक ग्रन्थया विनय पिटकया न्हापांगु भाग ख। थ्व खण्डय् निगु वग्ग पाराजिकपालि व पाचित्तियपालि दु।
सुत्तविभंग
|
वग्ग
|
सुत्त
|
|
पाराजिकपाळि |
|
|
|
वेरञ्जकण्डं
|
|
|
पाराजिककण्डं
|
|
|
सङ्घादिसेसकण्डं
|
|
|
अनियतकण्डं
|
|
|
निस्सग्गियकण्डं
|
|
पाचित्तियपाळि |
|
|
|
पाचित्तियकण्डं
|
|
|
पाटिदेसनीयकण्डं
|
|
|
सेखियकण्डं
|
|
|
अधिकरणसमथा
|
|
|
पाराजिककण्डं (भिक्खुनीविभङ्गो)
|
|
|
सङ्घादिसेसकण्डं (भिक्खुनीविभङ्गो)
|
|
|
निस्सग्गियकण्डं (भिक्खुनीविभङ्गो)
|
|
|
पाचित्तियकण्डं (भिक्खुनीविभङ्गो)
|
|
|
पाटिदेसनीयकण्डं (भिक्खुनीविभङ्गो)
|
|
|
सेखियकण्डं (भिक्खुनीविभङ्गो)
|
|
|
अधिकरणसमथा (भिक्खुनीविभङ्गो)
|