सिंहल राजवंशावली
श्रीलङ्काया मू जाति सिंहल जाति ख। थ्व जाति थीथी ईलय् थीथी राजवंशया अधीनय् लानाच्वन। थ्व जातिया राजवंशया वंशावली थ्व कथं दु-
रज of हेलंका / सिंहल / लंका | |
---|---|
Former Monarchy | |
First monarch | {{{first_monarch}}} |
Last monarch | {{{last_monarch}}} |
Official residence | मन्नारम [१]/ कतरगम, पँडुवस्नुवर अनुराधपुर/मागम, पॊळॊन्नरुव, दँबदॆणिय, यापहुव, कुरुणॅगल, गम्पॊळ, कोट्टे, सॆंकडगल, कॊळँब |
Monarchy began | ?? |
Monarchy ended | १९७२ मे २२ |
प्राचीन काल
सम्पादनमनु राजवंश
सम्पादनथ्व राजवंशया जुजुत थ्व कथं दु-
- महा सम्मत मनु रज
- रोज
- वररोज
- कल्याण
- वरकल्याण
- उपोसथ
- महा मन्दातु
- वरमन्दातु
- चेतिय
- चेतियगे पलमु पुत्रया
- चेतियगे दॆवन पुत्रया
- चेतियगे तॆवन पुत्रया
- चेतियगे सिव्वन पुत्रया
- चेतियगे पस्वन पुत्रया
- महा मुचलिन्द
- मुचलिन्द
- पळमुवन सागर
- दॆवन सागर
- भरत
- रुचि
- सुरुचि
- पताप
- महा पताप
- पहद
- सुदस्सि
- नॆरुप
- महा नॆरुप
- असिरिमत्
- हिरण्य काश्यप रज (ईरणी कसुबु / महमत्दातु/ईरणी)
- बलि रज
- तरु रज
- नहुत रज
- संकित रज
मखादेव राज वंश
सम्पादनलंकापुर युग
सम्पादनयक्ष सह राक्ष राजधानि
सम्पादन- सुमालि रज
- कुवेर रज (यक्ष गोत्रिक)
- रावण रज (राक्ष गोत्रिक) ( क्रि:पू २५५४ निसें क्रि:पू २५१७ )
- विभीषण रज (राक्ष गोत्रिक)
- महा कालसेन रज
- पनित रज
- बम्बा रज
देव राजधानि
सम्पादननाग राजधानि
सम्पादननाग राजधानि - वडुन्नागल नगरय
सम्पादननाग राजधानि - मणि नाग दीपय
सम्पादननाग राजधानि - कॅळणि नगरय
सम्पादन
तम्मन्नाव - उपतिस्सनुवर - पँडुवस्नुवर - विजितपुर युग (क्रि.पू. ५४४ निसें क्रि.पू. ४३७ तक्क)
सम्पादननां | काल | राज्यावधि | मेमेगु |
---|---|---|---|
विजय रज | क्रि.पू. ५४३-५०५ | ३८ | कलिंगं वःगु |
उपतिस्स रज | ५०५-५०४ | १ | |
पँडुवस्दॆव् रज | ५०४-४७४ | ३० | |
अभय रज | ४७४-४५४ | २० | |
तिस्स कुमरु | ४५४ - | (पण्डुवासदेव जुजुया २म्ह काय्) |
अनुराधपुर युग (क्रि.पू. ४३७ निसें क्रि.व. १०२९तक्क)
सम्पादनअनुराधपुर पण्डुकाभय राज वंश युग १
सम्पादन- पण्डुकाभय रज
- मुठसिव रज (पण्डुकाभय जुजुया काय्)
- तिस्स रज
- देवानम्पिय तिस्स रज
- उत्तिय रज
- महासिव रज
- सूरतिस्स रज
अनुराधपुर चोल युग
सम्पादनअनुराधपुर चोल युग - रजरट राजधानि
सम्पादन- आक्रमणक चोल सेन हा गुत्तिक (अश्वाचारि)
- असेल रज (देवानम्पिय तिस्स बाल सॊयुरु)
- आक्रमणक चोल ऎळार रज
अनुराधपुर चोल युग - माया (कॅळणि) राजधानि
सम्पादनअनुराधपुर चोल युग - रुहुणु राजधानि
सम्पादनअनुराधपुर पण्डुकाभय राजवंश युग २ - सिंहले राजधानि
सम्पादन- दुटुगॅमुणु रजु
- सद्धातिस्स (सॅँदॅतिस्)
- तुलत्थन
- लंजतिस्स (लॅमिणितिस्)
- बल्लाठनाग
- वळगम्बा रजु (वट्टगामिणी अभय/वलगम् अबा)
- आक्रमणक पंच द्रविडयन् (पुलहत्थ, बाहिय ,पनयमार,पिळयमार, दाठिय)
- वळगम्बा रजु (यळि रजवीम)
- महवुलितिस्स
- चोरनाग
- तिस्स (कुडातिस्स)
- सिव
- वटुक
- दारुभातिक तिस्स
- तिलिय (पुरोहित बमुणा)
- अनुला रॅजिन
- कूठकण्ण तिस्स
- भातिक अभय
- महादाथिक महानाग
- आमन्द- गामिणी अभय
- कणिरजानु तिस्स
- चूलाभय
- सीवली रॅजिन
-- अराजिक समय --
- इलनाग
- चण्डमुखसीव
- यसलालक तिस्स
सुब रज
सम्पादन- सभ (सुभ)
- वसभ रज
- वंकनाथतिस्स
- गजबाहुक - गामिणी (गजबाहु रज प्रथम)
- महल्लकनाग
- भातिक तिस्स
- कनिट्ठतिस्स
- बुज्जनाग
- कुंचनाग
- सिरिनाग प्रथम
- वोहारिकतिस्स (वॆहॆरतिस्स)
- अभयनाग
- सिरिनाग द्वितीय
- विजय - कुमार
- संघतिस्स प्रथम
- सिरिसंगबोधि (दॅहॅमि सिरिसँगबो)
- गोठाभय (गॊळु अबा)
- जॆट्ठतिस्स प्रथम
- महासेन ( महसॆन्)
- सिरि मेघवण्ण( कित्सिरिमॆवन्)
- जॆट्ठतिस्स द्वितीय
- बुद्धदास रज
- उपतिस्स प्रथम
- महानाम
- वट्टगाहजन्तु
- मित्तसेन (मित्सॆन्)
षड् द्रविडयन्
सम्पादन- पण्डु
- पारिन्द
- खुद्ध पारिन्द
- तिरितर
- दाठिय
- पीठिय
मौर्य राजवंश
सम्पादनधातुसेन रजु
कस्सप प्रथम (सीगिरि कसुबु) (सीगिरि बलकॊटुव सट रट पालनय कलेय)
मॊग्गल्लान (मुगलन्)
कुमार - धातुसेन (कुमारदास /कुमारदास्)
कित्तिसेन
सिव
उपतिस्स द्वितीय
सीलाकार अम्ब सामनेर
दाठापभूति (दापलुसॆन् )
मॊग्गल्लान २
कित्सिरिमेघ ( कुडा कित्सिरिमॆवन् )
महानाग
अग्गबोधि १ (अक्बो)
अग्गबोधि २(कुडा अक्बो )
संघतिस्स २
मॊग्गल्लान ३
सीलामेघवण्ण
अग्गबोधि सिरिसंघबोधि ३
जॆट्ठतिस्स २
अग्गबोधि ३(यळि रजवीम)
दाठोपतिस्स
कस्सप २
दप्पुलु १
हत्थदाठ
अग्गबोधि ४
दट्ट
हत्थदाठ २
लम्बकर्ण मानवम्म राजवंश
सम्पादनमानवम्मरज
अग्गबोधि ५
कस्सप ३
महिन्द १
अग्गबोधि ६
अग्गबोधि ७
महिन्द २
उदय १
महिन्द ३
अग्गबोधि ८
दप्पलु २
अग्गबोधि ९
सेन १
वनसेन २
उदय २
कस्सप ४
कस्सप ५
दप्पुलु ३
दप्पुल ४
उदय ३
सेन ३
उदय ४
सेन ४
महिन्द ४
सेन ५
महिन्द रज ५ (मिहिदु) (क्रि.व. ९८२ - ९९३)
पॊळान्नरु युग (क्रि.व. १०२९ - १२३२)
सम्पादनपॊळान्नरु युग - चोल युग (क्रि.व. ९९३ - १०५४)
सम्पादनपॊळान्नरु चोल युग - चोल राजधानि
सम्पादनराजराज चोल ऍतुळु ६ दॆनॆक् १ (क्रि.व. ९९३ - १०१४)
राजेन्द्र चोल १ (क्रि.व. १०१८ - १०५४)
पॊळान्नरु चोल युग - रुहुणु राजधानि नां जक्कया जुजु
सम्पादनविक्रमबाहु रज (कस्सप ६)
महलनाकित्ति
विक्रमपण्डु
जगतिपाल (जगत्पाल)
पराक्रमपण्डु
लोक (लोकिस्सर - लोकेस्सर)
कस्सप ८
विजयबाहु रज १ (विजय बा) (क्रि.व. १०५५ - १०७०)
पॊळान्नरु युग - विजयबाहु १ युग (क्रि.व. १०७० - १११०)
सम्पादनविजयबाहु रज १ (विजय बा) (क्रि.व. १०७०दी रटटम रजवीम - १११०)
पॊळान्नरु युग - रजरट, रुहुण, दक्खिणदेश युग (क्रि.व. १११० - ११५३)
सम्पादनरजरट, रुहुण, दक्खिणदेश युग | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
राजधानि | रज | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
१०९० | ११०० | १११० | ११२० | ११३० | ११४० | ११५३ | ११६० | ११७० | ११८० | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
जुजु | विक्रमबाहु रज १ | गजबाहु रज २ | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
दक्खिणदेश | विजयबाहु रज १ | मानाभरण रज | कित्ति सिरि मेघ रज | पळमुपराक्रमबाहु रज | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
रुहुण | श्री वल्लभ रज व कित्ति सिरि मेघ रज | श्री वल्लभ रज | मानाभरण रज |
पॊळान्नरु युग - सिहले राजधानि (क्रि.व.११५३ - १२३२)
सम्पादनपळमुपराक्रमबाहु रज (महा पराक्रमबाहु रज)
विजयबाहु २
पॊळान्नरु कालिंग युग - सिहले राजधानि (क्रि.व.११८७ - १२१२)
सम्पादननिश्शंकमल्ल रज
विक्रमबाहु द्वितीय
चोडंग रज
लीलावती रॅजिन
सहस्समल्ल
कल्याणवती रॅजिन
धर्माशोक रज
चोल आक्रमणिक अनिकंग महाधिपाद
लीलावती रॅजिन (दॆराज समय)
लोकेश्वर रज
लीलावती रॅजिन (३राज समय)
पॊळान्नरु पाण्ड-माघ युग - सिहले राजधानि (क्रि.व.१२१२ - १२३६)
सम्पादनपराक्रपण्डु
- कालिंग माघ रज (क्रि.व. १२१५ - १२३६)
- II पराक्रमबाहु रज
दँबदॆनि युग (क्रि.व.१२३२ - १२७२)
सम्पादनIIIवन विजयबाहु रज (क्रि.व. १२३२ - १२३६)
II वन पराक्रमबाहु रज (क्रि.व.१२३६ - १२७०)
IVवन विजयबाहु रज (क्रि.व.१२६७ - १२७०)
I वन बुवनॆकबाहु रज
यापव्व युग (क्रि.व.१२?? - १२९३)
सम्पादन- मित्त सॆनॆवि
- I वन बुवनॆकबाहु रज
- अराजिक समय १२८४ - १२८७
- III वन पराक्रमबाहु रज (पॊळान्नरुव सिट पालनय )
- II वन बुवनॆकबाहु रज (१२९२ - १३०० यापव्व सिट)
ऍतुगल्पुर युग (क्रि.व.१२९३ - १३४१)
सम्पादननामय | कालय | पालन कालय (अवुरुदु) | सटहन् |
---|---|---|---|
II वन बुवनॆकबाहु रज | १२९२-१३०५ | मुल् पालन कालय यापव्व सिट वे | |
IV वन पराक्रमबाहु रज (पण्डित पराक्रमबाहु रज) | १३०५ - १३२६ | सिंहल साहित्यय अतिशयिन् दियुणुवू युगकि | |
III वन बुवनॆकबाहु रज | राज्य कालय पिळिबँद तॊरतुरु नॅत. | ||
जयबाहु II | राज्य कालय पिळिबँद तॊरतुरु नॅत. | ||
V वन विजयबाहु रज | राज्य कालय पिळिबँद तॊरतुरु नॅत. | ||
IV वन बुवनॆकबाहु रज | राज्य कालय पिळिबँद तॊरतुरु नॅत. |
गम्पॊल युग (क्रि.व.१३४१ - १४०८)
सम्पादनगम्पल युग- गम्पॊल राजधानि
सम्पादनदॅदिगम अगनुवर
सम्पादनगम्पॊल अगनुवर
सम्पादनIII वन विक्रमबाहु रज
V वन बुवनॆकबाहु रज
गम्पल युग - रयिगम राजधानि
सम्पादनकिपा | नां | उपत | विपत | राजकाज आरम्भ | राजकाज अवसान | न्हापाम्ह जुजुनापया सम्बन्ध |
---|---|---|---|---|---|---|
IIवन वीरबाहु | - | - | १३९१/१३९२ | १३९७ | *Brother in law of King Buvaneka Bahu V | |
वीर अलकेश्वर (aka Vijaya Bahu VI) |
- | - | १३९७ | १४०९ | ||
पराक्रमबाहु Epa(ऍपा) | - | - | १४०९ | १४१२ | *Grandson of Senalankahikara Senevirat minister of Bhuvanaikabâhu IV. |
अराजिक समय (क्रि.व.१४०८ - १४११)
सम्पादनकोट्टे युग - सिंहले राजधानि (क्रि.व. १४११ - १५२१)
सम्पादनVI वन पराक्रमबाहु रज (रट ऎक्सेसत् कळे य)
II वन जयबाहु रज
VI वन बुवनॆकबाहु रज(सॆम्पगप् पॆरुमाल् = सपुमल् कुमरु)
VII वन पण्डित पराक्रमबाहु रज
VIII वन वीरपराक्रमबाहु रज
Xवन धर्मपराक्रमबाहु रज
VIवन विजयबाहु रज (१५२१ दी मॊहुगे पुतुन् तिदॆना अतर विजयबा कॊल्लय सिदुविय
कोट्टे-सीतावक-सेंकडगल युग (क्रि.व. १५२१ - १५९१)
सम्पादनकोट्टे-सीतावक-सॆंकडगल युग - कोट्टे राजधानि (क्रि.व. १५२१ - १५९७)
सम्पादनवन बुवनॆकबाहु ७
दॊन् जुवन् धर्मपाल रज * (कतोलिक) )(क्रि.व. १५५१ - १५९७ मॅयि २७)
पोर्चुगलया फिलिप
पोर्चुगलया फिलिप २
कोट्टे-सीतावक-सॆंकडगल युग - सीतावक राजधानि (क्रि.व. १५२१ - १५९४)
सम्पादनमायादुन्ने रज
Iवन राजसिंह रज
पृतुगालये Iवन फ़िलिप् रज हॆवत् स्पाञये IIवन फ़िलिप् रजट यटत् वीम.
कोट्टे-सीतावक-सॆंकडगल युग - यापापटुन राजधानि (क्रि.व. १५२१ - १६१९)
सम्पादन- आर्य चक्रवर्तीवरु
- परराजसेकरम्
- शंकिलि रज
- पृतुगालये IIवन फ़िलिप् रज नॊहॊत् स्पाञ्ञये IIIवन फ़िलिप् रजट यटत् वीम
कोट्टे-सीतावक-सॆंकडगल युग - उडरट राजधानि (क्रि.व. १५२१ - १५९१)
सम्पादनसेनासम्मत विक्रमबाहु रजु
जयवीर अस्थान रज (सेनासम्मत विक्रमबाहु पुत्)
करलियॅद्दे बंडार रज (जयवीर अस्थान पुत्)
Iवन राजसिंह रज उडरट राजधानि सीतावकट ऍँदागॅनीम
दॊन् फ़िलिप् रज (यमसिंह बंडार कुमरु - करलियॅद्दे बंडार रजगे ञाति पुत्) पृतुगीसि सहाय ऍतुव रजवीम
कॊनप्पु बंडार रज(Don João da Austria) दॊन् फ़िलिप् रज मरणयॆन्/घातनयॆन् पृतुगीसि सहाय नॊमॅति व रजवीम
दोन कॅतरिना रॅजिन (करलियॅद्दे बंडार रजगे दियणिय पृतुगीसि सहाय ऍतुव रजवीम)
कॊनप्पु बंडार युद्ध कर पृतुगीसि पलवाहॅर दोन कॅतरिना रॅजिन विवाह करगॅनीम
सॆंकडगल युग (क्रि.व. १५९१ - १८१५ मार्तु २)
सम्पादनसॆंकडगल युग - पहतरट पालनय
सम्पादनसॆंकडगल युग - पहतरट पृतुगीसि पालनय (क्रि.व. १५९७ मॅयि २७- १६३८)
सम्पादनसॆंकडगल युग- पहतरट लन्देसि पालनय (क्रि.व. १६३८ - १७९६)
सम्पादनसॆंकडगल युग- पहतरट इंग्रीसि पालनय (क्रि.व. १७९६ - १८१५ मार्तु २)
सम्पादनपहतरट इंग्रीसि पालनय -पॆरदिग इंदिया वॆळँद समागम (क्रि.व. १७९६ - १८०२)
सम्पादनपहतरट इंग्रीसि पालनय -ब्रितान्य आण्डुव (क्रि.व. १८०२ - १८१५ मार्तु २)
सम्पादनसॆंकडगल युग- सिंहले राजधानि (क्रि.व. १५९१ - १८१५ मार्तु २)
सम्पादनसॆंकडगल युग- सिंहले राजधानि - सेनासम्मत विक्रमबाहु राजवंशय
सम्पादन Iवन विमलधर्मसुरिय रज (नमिन्, दोन कॅतरिनागे स्वामिया लॆस, कॊनप्पु बंडार नॅवत रजवीम ()
सॆनरत् रज (दोन कॅतरिनागे स्वामिया लॆस)
IIवन राजसिंह रज (दोन कॅतरिनागे पुतॆकि)
IIवन विमलधर्मसूरिय रज (IIवन राजसिंह रज पुत्)
श्री वीर पराक्रम नरेन्द्रसिंह रजु (IIवन विमलधर्मसूरिय रज पुत्)
सॆंकडगल युग- सिंहले राजधानि - नायक्कर् राज वंशय (क्रि.व. १७३९ - १८१५ मार्तु २)
सम्पादनविजयराजसिंह रज (वीर पराक्रम नरेन्द्रसिंह रजबिसवगे सॊहॊयुरु)
कीर्ति श्री राजसिंह रज
राजाधि राजसिंह रज
श्री विक्रम राजसिंह रज
उपनिवेष युग (क्रि.व. १८१५ मार्च २ - १९८२ अप्रिल २९)
सम्पादनब्रिटिश युग (सिलोन् यटत् विजितय) (क्रि.व. १८१५ मार्च २ - १९४८ फेब्रुअरी ४)
सम्पादनजर्ज तृतीय
जर्ज चतुर्थ
विलियम चतुर्थ
विक्टोरिया
एद्वार्द सप्तम्
जर्ज पञ्चम्
एद्वर्द अष्टम्
जर्ज षष्टम्
लंका राजधानि (डोमीनियन् राज्य युग) (क्रि.व. १९४८ फेब्रुअरी ४ - १९७२ मे २२ )
सम्पादनकिपा | नां | बूगु | मदूगु | सिलोन्या जुजु जूगु दिं | सिलोन्य् राज सिधःगु दिं | लिखँ |
---|---|---|---|---|---|---|
जर्ज ६ | दिसेम्बर १४, १८९५ | फेब्रुअरी ६, १९५२ | फेब्रुअरी ४, १९४८ | फेब्रुअरी ६, १९५२ | *जर्ज ५या काय् | |
एलिजाबेथ द्वितीय | अप्रिल २१, १९२६ | फेब्रुअरी ६, १९५२ | मे २२, १९७२ |
१९७२ मे २२ निसें श्रीलङ्काय् राजतन्त्र आधिकारिक रुपं क्वचाल।
लिधंसा
सम्पादन- महाचार्य दयानन्द सोमसुन्दर (२००७). हॆळदिव्वासीन् सह आदिवासीन्. ऎस्. गॊडगे सह सहोदरयो.
- मुल् कर्तृ नॊदनी. संस्करणय ए.वी. सुरवीर (१९६७). राजावलिय (शास्त्रीय संस्करणय). अध्यापन प्रकाशन दॆपार्तमेन्तुव.