२.साङ्ख्ययोगः

साङ्ख्ययोगः भगवद गीता ध्यायः 2 श्री कृष्ण जी भागवत गीता के दुसरे अध्याय में, जब अर्जुन जो अपना धनुष निचे  रख कर दुखी मन से श्री कृष्ण जी से बोलते है. की मै ये युद्ध कैसे कर  सकता हु  माधव मेरे सामने मेरा भाई मेरे दादा मेरे गुरु है तो श्री कृष्ण जी ने गीता का उपदेश देना सुरु किया जिसे गीता का सार बोलते है सम्पादन

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