काव्य
काव्य साहित्यया छगू विधा ख। थ्व विधाय् गद्यय् च्वइगु सफूत ला।
खँग्वःयागु उत्पत्ति व छ्येलेज्या
सम्पादनथ्व खँग्वयागु छ्येलेज्या दक्ले न्ह्य संस्कृतय् जुगु ख। लिपा थ्व खँग्वयागु तत्सम खँग्वया रुपे यक्व भासे, यक्व कथलं छ्येलेज्या जुल।
काव्यलक्षण
सम्पादनसंस्कृतया साहित्यशास्त्रितेसं 'काव्यया लक्षण' वर्णन यानातःगु दु गुकिलि छुं थ्व कथं दु:
- "संक्षेपात् वाक्यमिष्टार्थव्यवच्छिन्ना, पदावली काव्यम्" (अग्नि पुराण);
- "शरीरं तावदिष्टार्थव्यवच्छिन्ना पदावली" (दंडी)
- "ननु शब्दार्थों कायम्" (रुद्रट);
- "काव्य शब्दोयं गुणलंकार संस्कृतयो: शब्दार्थयोर्वर्तते" (वामन);
- "शब्दार्थशरीरम् तावत् काव्यम्" (आनन्दवर्धन);
- "निर्दोषं गुणवत् काव्यं अलंकारैरलंकृतम् रसान्तितम्" (भोजराज);
- "तददोषौ शब्दार्थों सगुणावनलंकृती पुन: क्वापि" (मम्मट)
- "गुणालंकाररीतिरससहितौ दोषरहिती शब्दार्थों काव्यम्" (वाग्भट);
- "निर्दोषा लक्षणवी सरीतिर्गुणभूषिता, सालंकाररसानेकवृत्तिर्भाक् काव्यशब्दभाक्" (जयदेव);
- "काव्यं रसादिमद् वाक्यम् श्रुर्त सुखविशेषकृत्" (आचार्य शौद्धोदनि)
- "वाक्यम् रसात्मकम् काव्यम्" (विश्वनाथ)
- "गुणवदलङकृतञ्च काव्यम्" (राजशेखर)
काव्यशास्त्रनाप सम्बन्धित ग्रन्थ
सम्पादन- नाट्यशास्त्र -- भरतमुनि
- काव्यप्रकाश -- मम्मट
- टीकात
- अलंकारसर्वस्व -- रुय्यक
- संकेत टीका -- माणिक्यचंद्र सूरि (रचनाकाल ११६० ई.)
- दीपिका -- चंडीदास (१३गु शती)
- काव्यप्रदीप -- गोविंद ठक्कुर (१४गु शदीया अंतभाग)
- सुधासागर वा सुबोधिनी -- भीमसेन दीक्षित (रचनाकाल १७२३ ई.)
- दीपिका -- जयंतभट्ट (र.का. १२९४ ई.)
- काव्यप्रकाशदर्पण -- विश्वनाथ कविराज (१४गु शती)
- विस्तारिका -- परमानंद चक्रवर्ती (१४गु शती)
- साहित्यदर्पण -- विश्वनाथ
- काव्यादर्श -- दण्डी
- काव्यमीमांसा -- कविराज राजशेखर (८८०-९२० ई.)
- दशरूपक -- धनिक
- ध्वन्यालोक -- आनन्दवर्धन
- लोचन -- अभिनव गुप्तपाद (ध्वन्यालोकया टीका)
- काव्यप्रकाशसंकेत -- माणिक्यचंद्र (११५९ ई)
- अलंकारसर्वस्व -- राजानक रुय्यक
- चंद्रालोक --
- अलंकारशेखर -- केशव मिश्र