तिरुक्कुरल् (तमिलभासय्: திருக்குறள், अर्थ पवित्र छन्द) वा कुरल् प्राचीन तमिल ग्रन्थ ख। थ्व ग्रन्थय् मनूया जीवन निर्देश यायेगु गुण दूगु १,३३० कुरल् (निपू हरफया चिनाखँ) मुंकातःगु दु। [१] थ्व चिनाखँमुनायात गैह्र-धार्मिक नीति-आचारया छगू भिंगु रचनाया रुपय् कायेगु या। थ्व चिनाखँमुनाया च्वमि तिरुवल्लवुर ख। थ्व चिनाखँमुना रचनाया तिथि ३००इपूनिसें ७गू शदी इसं दुनेया जूगु विज्ञतेगु विश्वास दु। तमिल वाङ्मय परम्पराय् थ्व सफूयात तृतीय संगम साहित्यया अन्तिम चिनाखँमुनाया कथं वर्णित यानातःगु दु। भाषिक विश्लेषणकर्मीतेसं धाःसा थ्व चिनाखँमुना करिब ४५०निसें ५००इसंया दुने रचना जूगु धैगु विचाः तःगु दु। तमिल हलिमय् सार्वभौमिक वेद धकाः नालातःगु थ्व चिनाखँमुना अहिंसा, शाकाहार, जात-विहिन जनभ्रातृत्त्व, क्लेशहीन, न्यायपरायन समाजय् केन्द्रित दु। थ्व चिनाखँमुनाय् शासक, पासा, बुंज्या, ज्ञान, प्रज्ञा, मतिना, संयम, ग्राहस्थ जीवन आदिया नैतिक संहिता वर्णन यानातःगु दु।
तिरुक्कुरल् திருக்குறள் |
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A typical published original Tamil version of the book |
Author(s) | तिरुवल्लुवर |
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Original title | Muppāl |
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Country | भारत |
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Language | प्राचीन तमिल |
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Series | पतिणेण्कील्कणक्कु |
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Subject(s) | नैतिकता |
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Genre(s) | चिनाखँ |
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Publication date | 1812 (first known printed edition) |
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Published in English | 1840 |
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कुरलयात १३३पू अध्यायय् बायातःगुदु। प्रत्यक अध्यायय् १०पू कुरल दु। सकलय् थ्व ग्रन्थय् १३३०पू कुरल दु। १३३पू अध्याययात स्वंगु खण्ड वा सफूति विभाजित यानातःगु दु।
- सफू १ – अऱत्तुप्पाल्(அறத்துப்பால்) वा धर्मया सफू (अध्याय १-३८)
- सफू २ – पॊरुट्पाल् (பொருட்பால்) वा अर्थया सफू (अध्याय ३९-१०८)
- सफू ३ – कामत्तुप्पाल् (காமத்துப்பால்) वा कामया सफू (अध्याय १०९-१३३)
अऱत्तुप्पाल्(அறத்துப்பால்) वा धर्मया सफू (अध्याय १-३८)
- १. पायिरम्(பாயிரம்) (भूमिका)
- १. कटवुळ् वाऴ्त्तु (கடவுள் வாழ்த்து)
- २. वाऩ् चिऱप्पु (வான் சிறப்பு)
- ३. नीत्तार् पॆरुमै (நீத்தார் பெருமை)
- ४. अऱऩ् वलियुऱुत्तल (அறன் வலியுறுத்தல்)
- २. इल्लऱवियल् (இல்லறவியல்)(गृहस्थी)
- ५. इल्वाऴ्क्कै (இல்வாழ்க்கை)
- ६. वाऴ्क्कैत् तुणैनलम (வாழ்க்கைத் துணைநலம்)
- ७. मक्कट्पेऱु (மக்கட்பேறு)
- ८. अऩ्पुटैमै (அன்புடைமை)
- ९. विरुन्तोम्पल् (விருந்தோம்பல்)
- १०. इऩियवै कूऱल् (இனியவை கூறல்)
- ११. चॆय्न्नऩ्ऱि अऱितल् (செய்ந்நன்றி அறிதல்)
- १२. नटुवुनिलैमै (நடுவுநிலைமை)
- १३. अटक्कम् उटैमै (அடக்கம் உடைமை)
- १४. ऒऴुक्कम् उटैमै (ஒழுக்கம் உடைமை)
- १५. पिऱऩ् इल् विऴैयामै (பிறன் இல் விழையாமை)
- १६. पॊऱै उटैमै (பொறை உடைமை)
- १७. अऴुक्काऱामै (அழுக்காறாமை)
- १८. वॆःकामै (வெஃகாமை)
- १९. पुऱङ्कूऱामै (புறங்கூறாமை)
- २०. पयऩिल चॊल्लामै (பயனில சொல்லாமை)
- २१. तीविऩै अच्चम् (தீவினை அச்சம்)
- २२. ऒप्पुरवु अऱितल् (ஒப்புரவு அறிதல்)
- २३. ईकै (ஈகை)
- २४. पुकऴ् (புகழ்)
- ३. तुऱवऱवियल् (துறவறவியல்)(संन्यासी)
- २५. अरुळ् उटैमै (அருள் உடைமை)
- २६. पुलाल् मऱुत्तल (புலால் மறுத்தல்)
- २७. तवम् (தவம்)
- २८. कूटा ऒऴुक्कम् (கூடா ஒழுக்கம்)
- २९. कळ्ळामै (கள்ளாமை)
- ३०. वाय्मै (வாய்மை)
- ३१. वॆकुळामै (வெகுளாமை)
- ३२. इऩ्ऩा चॆय्यामै (இன்னா செய்யாமை)
- ३३. कॊल्लामै (கொல்லாமை)
- ३४. निलैयामै (நிலையாமை)
- ३५. तुऱवु (துறவு)
- ३६. मॆय् उणर्तल् (மெய் உணர்தல்)
- ३७. अवा अऱुत्तल् (அவா அறுத்தல்)
- ४. ऊऴियल् (ஊழியல்)(पूर्वनियति)
- ३८. ऊऴ् (ஊழ்)
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पॊरुट्पाल् (பொருட்பால்) वा अर्थया सफू (अध्याय ३९-१०८)
- ५. अरचियल् (அரசியல்) (राजनीति)
- ३९. इऱैमाट्चि (இறைமாட்சி)
- ४०. कल्वि (கல்வி)
- ४१. कल्लामै (கல்லாமை)
- ४२. केळ्वि (கேள்வி)
- ४३. अऱिवुटैमै (அறிவுடைமை)
- ४४. कुऱ्ऱम् कटितल् (குற்றம் கடிதல்)
- ४५. पॆरियारैत् तुणैक्कोटल् (பெரியாரைத் துணைக்கோடல்)
- ४६. चिऱ्ऱिऩम् चेरामै (சிற்றினம் சேராமை)
- ४७. तॆरिन्तु चॆयल्वकै (தெரிந்து செயல்வகை)
- ४८. वलि अऱितल् (வலி அறிதல்)
- ४९. कालम् अऱितल् (காலம் அறிதல்)
- ५०. इटऩ् अऱितल् (இடன் அறிதல்)
- ५१. तॆरिन्तु तॆळितल् (தெரிந்து தெளிதல்)
- ५२. तॆरिन्तु विऩैयाटल् (தெரிந்து வினையாடல்)
- ५३. चुऱ्ऱम् तऴाल् (சுற்றம் தழால்)
- ५४. पॊच्चावामै (பொச்சாவாமை)
- ५५. चॆङ्कोऩ्मै (செங்கோன்மை)
- ५६. कॊटुङ्कोऩ्मै (கொடுங்கோன்மை)
- ५७. वॆरुवन्त चॆय्यामै (வெருவந்த செய்யாமை)
- ५८. कण्णोट्टम् (கண்ணோட்டம்)
- ५९. ऒऱ्ऱाटल् (ஒற்றாடல்)
- ६०. ऊक्कम् उटैमै (ஊக்கம் உடைமை)
- ६१. मटि इऩ्मै (மடி இன்மை)
- ६२. आळ्विऩै उटैमै (ஆள்வினை உடைமை)
- ६३. इटुक्कण् अऴियामै (இடுக்கண் அழியாமை)
- ६. अमैच्चियल् (அமைச்சியல்)(मंत्रणा वा मन्त्रालय)
- ६४. अमैच्चु (அமைச்சு)
- ६५. चॊल्वऩ्मै (சொல்வன்மை)
- ६६. विऩैत्तूय्मै (வினைத்தூய்மை)
- ६७. विऩैत्तिट्पम् (வினைத்திட்பம்)
- ६८. विऩै चॆयल्वकै (வினை செயல்வகை)
- ६९. तूतु (தூது)
- ७०. मऩ्ऩरैच् चेर्न्तु ऒऴुकल् (மன்னரைச் சேர்ந்து ஒழுகல்)
- ७१. कुऱिप्पु अऱितल् (குறிப்பு அறிதல்)
- ७२. अवै अऱितल् (அவை அறிதல்)
- ७३. अवै अञ्चामै (அவை அஞ்சாமை)
- ७. अरणियल् (அரணியல்)(राष्ट्र व दुर्ग)
- ७४. नाडु (நாடு) वा राष्ट्र
- ७५. अरण (அரண்) वा दुर्ग
- ८. कूऴियल् (கூழியல்)(वित्त-साधन वा अर्थ)
- 76. पॊरुळ् चॆयल्वकै (பொருள் செயல்வகை) वा वित्तीय
- ९. पटैयियल् (படையியல்)(सैन्य व सामरिक)
- ७७. पटैमाट्चि (படைமாட்சி)
- ७८. पटैच्चॆरुक्कु (படைச்செருக்கு)
- १०. नट्पियल् (நட்பியல்)(पासा व वान्धव)
- ७९. नट्पु (நட்பு)
- ८०. नट्पु आराय्तल् (நட்பு ஆராய்தல்)
- ८१. पऴैमै (பழைமை)
- ८२. ती नट्पु (தீ நட்பு)
- ८३. कूटा नट्पु (கூடா நட்பு)
- ८४. पेतैमै (பேதைமை)
- ८५. पुल्लऱिवाण्मै (புல்லறிவாண்மை)
- ८६. इकल् (இகல்)
- ८७. पकै माट्चि (பகை மாட்சி)
- ८८. पकैत्तिऱम् तॆरितल् (பகைத்திறம் தெரிதல்)
- ८९. उट्पकै (உட்பகை)
- ९०. पॆरियारैप् पिऴैयामै (பெரியாரைப் பிழையாமை)
- ९१. पॆण्वऴिच् चेऱल् (பெண்வழிச் சேறல்)
- ९२. वरैविल् मकळिर् (வரைவில் மகளிர்)
- ९३. कळ् उण्णामै (கள் உண்ணாமை)
- ९४. चूतु (சூது)
- ९५. मरुन्तु (மருந்து)
- ११. कुटियियल् (குடியியல்)(मेमेगु वा अन्य)
- ९६. कुटिमै (குடிமை)
- ९७. माऩम् (மானம்)
- ९८. पॆरुमै (பெருமை)
- ९९. चाऩ्ऱाण्मै (சான்றாண்மை)
- १००. पण्पुटैमै (பண்புடைமை)
- १०१. नऩ्ऱियिल् चॆल्वम् (நன்றியில் செல்வம்)
- १०२. नाण् उटैमै (நாண் உடைமை)
- १०३. कुटि चॆयल्वकै (குடி செயல்வகை)
- १०४. उऴवु (உழவு)
- १०५. नल्कुरवु (நல்குரவு)
- १०६. इरवु (இரவு)
- १०७. इरवच्चम् (இரவச்சம்)
- १०८. कयमै (கயமை)
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कामत्तुप्पाल् (காமத்துப்பால்) वा कामया सफू (अध्याय १०९-१३३)
- १२. कळवियल् (களவியல்)(इहिपा न्ह्यःया मतिना)
- १०९. तकैयणङ्कुऱुत्तल् (தகையணங்குறுத்தல்)
- ११०. कुऱिप्पऱितल् (குறிப்பறிதல்)
- १११. पुणर्च्चि मकिऴ्तल् (புணர்ச்சி மகிழ்தல்)
- ११२. नलम् पुऩैन्तु उरैत्तल् (நலம் புனைந்து உரைத்தல்)
- ११३. कातऱ् चिऱप्पु उरैत्तल् (காதற் சிறப்பு உரைத்தல்)
- ११४. नाणुत् तुऱवु उरैत्तल् (நாணுத் துறவு உரைத்தல்)
- ११५. अलर् अऱिवुऱुत्तल् (அலர் அறிவுறுத்தல்)
- १३. कऱ्पियल् (கற்பியல்)(इहिपा धुंकाया मतिना)
- ११६. पिरिवाऱ्ऱामै (பிரிவாற்றாமை)
- ११७. पटर् मॆलिन्तु इरङ्कल् (படர் மெலிந்து இரங்கல்)
- ११८. कण् वितुप्पु अऴितल् (கண் விதுப்பு அழிதல்)
- ११९. पचप्पु उऱु परुवरल् (பசப்பு உறு பருவரல்)
- १२०. तऩिप्पटर् मिकुति (தனிப்படர் மிகுதி)
- १२१. निऩैन्तवर् पुलम्पल् (நினைந்தவர் புலம்பல்)
- १२२. कऩवु निलै उरैत्तल् (கனவு நிலை உரைத்தல்)
- १२३. पॊऴुतु कण्टु इरङ्कल् (பொழுது கண்டு இரங்கல்)
- १२४. उऱुप्पु नलऩ् अऴितल् (உறுப்பு நலன் அழிதல்)
- १२५. नॆञ्चॊटु किळत्तल् (நெஞ்சொடு கிளத்தல்)
- १२६. निऱै अऴितल् (நிறை அழிதல்)
- १२७. अवर् वयिऩ् वितुम्पल् (அவர் வயின் விதும்பல்)
- १२८. कुऱिप्पु अऱिवुऱुत्तल् (குறிப்பு அறிவுறுத்தல்)
- १२९. पुणर्च्चि वितुम्पल् (புணர்ச்சி விதும்பல்)
- १३०. नॆञ्चॊटु पुलत्तल् (நெஞ்சொடு புலத்தல்)
- १३१. पुलवि (புலவி)
- १३२. पुलवि नुणुक्कम् (புலவி நுணுக்கம்)
- १३३. ऊटल् उवकै (ஊடல் உவகை)
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